पानी कब कितना और कैसे पिए?...
जब हम अपने शरीर का वर्ग करते है तो हम पाते हैं कि पानी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि ये 72% हैं।
हमारे शरीर में 72% पानी, 12% पृथ्वी, 6%हवा, 4% अग्नि तथा बाकी सब आकाश है।
हमें पानी का जबरदस्त ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ये 72% है। अतः आइए आज हम बात करते हैं कि हमें कब कितना पानी पीना चाहिए, पानी को कैसे पीना चाहिए, किस तरह का पानी पीना चाहिए?..
पानी पीने का सही तरीका-
पानी सदैव बैठकर पीना चाहिए, पानी को सिप- सिप करके पीए(घूँट- धूँट ) करके पीना चाहिए। ऐसा क्यों? इसके जवाब में महर्षि वाग्भट्ट लिखते हैं कि हमारे मुख मे लार बनता है जिसकी प्रकृति क्षारीय है। जब हम पानी को सिप या घूँट करके पीते हैं तो लार पानी मे मिल कर उसे क्षारीय बना देता है।वही दूसरी तरफ हमारे पेट की प्रकृति अम्लीय है ऐसी स्थिति में जब अम्ल और क्षार आपस मेंं मिलकर उदासीन हो जाते हैं जिससे हमारा भोजन बिसाक्त होने से बच जाता है और हम सदा स्वस्थ जवान और ऊर्जावान रहते हैं।
कब कितना पानी पीना चाहिए और कब पानी नहीं पीना चाहिए।
महर्षि वाग्भट्ट आगे लिखते हैं हमारी दिनचर्या के अनुसार पानी पीने का सही क्रम है-
१ उषा पान अर्थात सूर्योदय से पूर्व उठकर बिना मुख साफ किए तीन गिलास गुनगुना पानी इच्छा के बिना भी पीए और 15-20मिनट तक टहले तत्पश्चात शौच आदि करें इससे आपकी आँत स्वस्थ और साफ रहेगी कब्ज आदि से छुटकारा मिलेगा।
2- खाने से कम से कम 40 मिनट पहले और1 घण्टे 48 मिनट बाद ही पानी पीए ऐसा नहीं करने पर भोजन आपके पेट में पचेगा नहीं बल्कि सड़ेगा ऐसा क्यों इस प्रश्न पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
3- रात्रि में सोने से पूर्व कम से कम 1/2 गिलास पानी अवश्य पीए।
4- कुछ भी खाने के तुरन्त बाद पानी न पिए और न ही पानी पीने के तुरन्त बाद कुछ खाएं यहाँ पर दूसरे नियम का ध्यान रखें।
5- पानी पीने के तुरन्त बाद या पहले मल- मूत्र को न जाए कम से कम 15 मिनट का अन्तर रखें।
किस तरह का पानी पीए और कोन सा पानी कभी न पीए
फ्रिज का ठण्डा पानी आरो का फिल्टर पानी डिब्बा बन्द पानी आदि का कभी भी सेवन न करें।
सदैव नल , कुँओं, वर्षा जल मिट्टी के घड़े का पानी, ताम्र घड़े में रखे हुए जल का ही सेवन करे।
पीने के लिए सबसे अच्छा पानी वर्षा जल, इसके बाद कुएं का जल, इसके पश्चात भूमिगत जल , सप्लाई जल और सबसे अन्त में आरो पानी का स्थान है।
आगे हमारी बात क्रमागत रुप से जारी रहेगी क्योंकि आपका स्वास्थ्य हमारा प्रथम लक्ष्य
धन्यवाद
।।जय हिन्द जय भारत स्वस्थ्य भारत।।
जब हम अपने शरीर का वर्ग करते है तो हम पाते हैं कि पानी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि ये 72% हैं।
हमारे शरीर में 72% पानी, 12% पृथ्वी, 6%हवा, 4% अग्नि तथा बाकी सब आकाश है।
हमें पानी का जबरदस्त ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ये 72% है। अतः आइए आज हम बात करते हैं कि हमें कब कितना पानी पीना चाहिए, पानी को कैसे पीना चाहिए, किस तरह का पानी पीना चाहिए?..
पानी पीने का सही तरीका-
पानी सदैव बैठकर पीना चाहिए, पानी को सिप- सिप करके पीए(घूँट- धूँट ) करके पीना चाहिए। ऐसा क्यों? इसके जवाब में महर्षि वाग्भट्ट लिखते हैं कि हमारे मुख मे लार बनता है जिसकी प्रकृति क्षारीय है। जब हम पानी को सिप या घूँट करके पीते हैं तो लार पानी मे मिल कर उसे क्षारीय बना देता है।वही दूसरी तरफ हमारे पेट की प्रकृति अम्लीय है ऐसी स्थिति में जब अम्ल और क्षार आपस मेंं मिलकर उदासीन हो जाते हैं जिससे हमारा भोजन बिसाक्त होने से बच जाता है और हम सदा स्वस्थ जवान और ऊर्जावान रहते हैं।
कब कितना पानी पीना चाहिए और कब पानी नहीं पीना चाहिए।
महर्षि वाग्भट्ट आगे लिखते हैं हमारी दिनचर्या के अनुसार पानी पीने का सही क्रम है-
१ उषा पान अर्थात सूर्योदय से पूर्व उठकर बिना मुख साफ किए तीन गिलास गुनगुना पानी इच्छा के बिना भी पीए और 15-20मिनट तक टहले तत्पश्चात शौच आदि करें इससे आपकी आँत स्वस्थ और साफ रहेगी कब्ज आदि से छुटकारा मिलेगा।
2- खाने से कम से कम 40 मिनट पहले और1 घण्टे 48 मिनट बाद ही पानी पीए ऐसा नहीं करने पर भोजन आपके पेट में पचेगा नहीं बल्कि सड़ेगा ऐसा क्यों इस प्रश्न पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे।
3- रात्रि में सोने से पूर्व कम से कम 1/2 गिलास पानी अवश्य पीए।
4- कुछ भी खाने के तुरन्त बाद पानी न पिए और न ही पानी पीने के तुरन्त बाद कुछ खाएं यहाँ पर दूसरे नियम का ध्यान रखें।
5- पानी पीने के तुरन्त बाद या पहले मल- मूत्र को न जाए कम से कम 15 मिनट का अन्तर रखें।
किस तरह का पानी पीए और कोन सा पानी कभी न पीए
फ्रिज का ठण्डा पानी आरो का फिल्टर पानी डिब्बा बन्द पानी आदि का कभी भी सेवन न करें।
सदैव नल , कुँओं, वर्षा जल मिट्टी के घड़े का पानी, ताम्र घड़े में रखे हुए जल का ही सेवन करे।
पीने के लिए सबसे अच्छा पानी वर्षा जल, इसके बाद कुएं का जल, इसके पश्चात भूमिगत जल , सप्लाई जल और सबसे अन्त में आरो पानी का स्थान है।
आगे हमारी बात क्रमागत रुप से जारी रहेगी क्योंकि आपका स्वास्थ्य हमारा प्रथम लक्ष्य
धन्यवाद
।।जय हिन्द जय भारत स्वस्थ्य भारत।।
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