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Showing posts from February, 2020

Food for student

विद्यार्थी के लिए किस तरह का भोजन होना चाहिए नमस्ते,        मित्रों मैं सुमित सिंह आपके लिए अपनी ब्लॉग से हाजिर हूँ एक नई जानकारी के साथ आइए बात करते हैं हर उम्र हर अवस्था में भोजन का स्वरूप बदलता रहता है क्योंकि भोजन हमारे शरीर की पोषण जरूरतों को पूर्ण करने का माध्यम है। और हमारे शरीर मेें भोजन की आवश्यकता उम्र के हर भाग मेें अलग अलग होती है। आज  हम बात करेंगे एक विद्यार्थी का भोजन कैसा हो और क्यों? आइए बात करें - विद्यार्थी अर्थात विद्या अध्ययन करने वाला अर्थात, कुछ नया सीखने वाला...। एक विद्यार्थी सदैव कुछ नया सीखने ओर अग्रसर रहता ऐसी अवस्था में हमारे ऐसे भोजन की जरूरत होती है जो पचने आसान तथा ज्यादा उर्जा प्रदान करने वाला हो...। अगर विद्यार्थी भारी या गरीष्ठ भोजन का सेवन करेगा तो उसे पचाने में शरीर की अनावश्क उर्जा व्यय होगी और शरीर में आलस्य बढ़ेगा, आलस्य से तन्द्रा का जन्म होता है और ऐसी स्थिति में मस्तिष्क की एकाग्रता नष्ट हो जाएगी। कुछ नया सीखने के लिए मन मस्तिष्क का एकाग्र होना बहुत ही आवश्यक है। अब प्रश्न उठता है कि किस तरह का भोजन सुपाच्य और उर्जवान होता है?

Profit of turmeric milk

*क्या आप जानते हैं हल्दी वाले दूध के बेमिसाल फायदे?* (दूध अपनी बकरी या अपनी देसी गाय का हो, क्योकि बाहर के दूध पर विश्वास पूरी तरह खत्म हो चुका है या बादाम का दूध हो) 1 जब चोट लग जाए - यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता। 2 शारीरिक दर्द - शरीर के दर्द में हल्दी वाला दूध आराम देता है। हाथ पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें। 3 त्वचा हो साफ और खूबसूरत - दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन, एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है। 4 सर्दी होने पर - सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़
*इन 6 चीजों को खाएं और सुस्ती, थकान को दूर भगाएं* 1. दही - दही में प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट्स होते है, मलाई रहीत दही का सेवन करने से आपकी थकान और सुस्ती दूर हो जाएगी। 2. ग्रीन टी- जब ज्यादा थकान व तनाव हो तब ग्रीन टी पीने से आपको फायदा होगा। यह आपकी बॉडी को ऊर्जा देती है और एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करती है। 3. सौंफ- सौंफ केवल माउथ फ्रेशनर ही नहीं है, इसमें और भी कई गुण होते है। इसमें कैल्श्यम, सोडियम, आयरन और पोटैशियम पाया जाता है जो कि आपके शरीर की सुस्ती को भगाने में मदद करता है। 4. चॉकलेट- यह तो आप जानते ही होंगे कि चॉकलेट खाने से मूड ठीक हो जाता है। इसमें मौजूद कोको आपके शरीर की मसल्स को रिलेक्स करता है, इस कारण चॉकलेट खाने के बाद आप तरोताजा फील करने लगते हैं। ( *चॉकलेट घर मे बनी हो ना कि बाजार वाली। अगर बाजार वाली हो तो ऐसी हो जिसमे चीनी, रेफर और तेल की मिलावट न हो* ) 5. दलिया- दलिया में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोजन के रूप में आपके शरीर में जमा हो जाता हैं। यह जमा ग्लाइकोजन धीरे-धीरे आपको पूरे दिन ऊर्जा देता रहता है। 6. पानी- कई बार शरीर में पानी की कमी होने से भी

In winter for good health

*ठंड में बेहतर स्वास्थ्य के लिए इन 8 बातों का रखें विशेषतौर पर ध्यान* 1 जितनी ज्यादा बार संभव हो अपने हाथ धोएं ताकि कीटाणु पैर न पसार सकें। यही कीटाणु मौसम की बीमारियों को जन्म देकर तीव्रता से फैलाते हैं, तो हाथों से ही ज्यादा फैलते हैं। 2 अत्यध‍िक तनाव लेने से बचें, क्योंकि यह आपके शरीर की बीमारियों और संक्रमण से लड़ने की क्षमता है उसमें बाधा उत्पन्न करता है। 3 रोजाना करीब आधा घंटा व्यायाम जरूर करें। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होगी और शरीर में गर्मी बनी रहेगी। 4 जब कभी आप सर्दी, जुकाम या बुखार से पीड़ि‍त हों, तो ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशि‍श करें। नेचुरल रूप से विटामिन सी का सेवन बढ़ा ले जैसे नारियल पानी, आमला जूस, संतरा जूस 5 सर्दी और फ्लू वायरस की वजह से होते हैं, इसलिए इनमें एंटीबायटिक मदद नहीं करतीं। इस दौरान जरूरत से ज्यादा कसरत न करें।अमूमन सर्दी या फ्लू होने से पहले गला खराब हो जाता है। ऐसे में बिना दूध की मसाला चाय, कॉफी या गुनगुना नींबू पानी व शहद का सेवन करने से आराम मिलता है। 6 हर आधा घंटे में नमक डालकर गुनगुने पानी से गरारे करने से दर्द औ

Water

पानी कब कितना और कैसे पिए?... जब हम अपने शरीर का वर्ग करते है तो हम पाते हैं कि पानी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि ये 72% हैं। हमारे शरीर में 72% पानी, 12% पृथ्वी, 6%हवा, 4% अग्नि तथा बाकी सब आकाश है। हमें पानी का जबरदस्त ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ये 72% है। अतः आइए आज हम बात करते हैं कि हमें कब कितना पानी पीना चाहिए, पानी को कैसे पीना चाहिए, किस तरह का पानी पीना चाहिए?.. पानी पीने का सही तरीका- पानी सदैव बैठकर पीना चाहिए, पानी को सिप- सिप करके पीए(घूँट- धूँट ) करके पीना चाहिए। ऐसा क्यों? इसके जवाब में महर्षि वाग्भट्ट लिखते हैं कि हमारे मुख मे लार बनता है जिसकी प्रकृति क्षारीय है। जब हम पानी को सिप या घूँट करके पीते हैं तो लार पानी मे मिल कर उसे क्षारीय बना देता है।वही दूसरी तरफ हमारे पेट की प्रकृति अम्लीय है ऐसी स्थिति में जब अम्ल और क्षार आपस मेंं मिलकर उदासीन हो जाते हैं जिससे हमारा भोजन बिसाक्त होने से बच जाता है और हम सदा स्वस्थ जवान और ऊर्जावान रहते हैं। कब कितना पानी पीना चाहिए और कब पानी नहीं पीना चाहिए। महर्षि वाग्भट्ट आगे लिखते हैं हमा

Routine for food(भोजन के लिए दिनचर्या)

नमस्ते, खाने के लिए सही दिनचर्या कब क्या खाए...। आइए आज हम बात करते है हमारे खाने के सही दिनचर्या की हमें क्या खाना है कब खाना ? और क्या नहीं खाना है और क्यों नहीं खाना। कहा जाता है कि हम जैसा खान पान करते है उसी पर हमारा स्वास्थ्य और हमारे विचार भी निर्भर करते हैं। आज के हमारे ने मोटापा कोलेस्ट्राल, ब्लड सूगर से लेकर कैंसर जैसी घातक बिमारीया भी हमारे अव्यवस्थित और असंतुलित खान पान का ही परिणाम हैं। अगर इन प्राण घातक बिमारीयों के प्रकोप से बचना है तो सही खान पान की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।महर्षि वाग्भट्ट जी ने खाने के सही नियम की विस्तृत व्याख्या सूत्र रूप मे की है। उन्हीं के व्याख्यान की हम यहाँ चर्चा करेंगे। महर्षि वाग्भट्ट जी ने जो नियम बताए हैं उसके अनुसार सुबह शौच, व्यायाम, स्नान आदि दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होने के पश्चात पूर्ण आहार लेंं सुबह हल्के नास्ते से बचेंं। सुबह का भोजन सम्पूर्ण दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होने के पश्चात 48 मिनट के तक भोजन कर लेना चाहिए। इसका कारण बताते हुए वाग्भट्ट जी लिखते हैं कि सुबह के समय सबसे ज्यादा समय तक आपका पेट खाली रहता है ज

Routine (दिनचर्या)

नमस्ते,  मैं सुमित अपने ब्लॉग Sumitalks में फिर हाजिर हूँ आप से बात करने के लिए। दोस्तों, अभी तक हमने इस पर बात की कि हमारी कैसी अनियमित दिनचर्या है जिसकी वजह से बिमारीयां हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही हैं। फिर प्रश्न उठता है कि क्या किया जाए? उत्तर है, दिनचर्या को सही करके... हमारी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है। दिनचर्या, आइए  अब हम बात करते हैं दिनचर्या की सूर्योदय से सूर्यास्त तक एक नियमित दिनचर्या का होना बहुत ही आवश्यक है। दिनचर्या का प्रारंभ सूर्योदय से पूर्व होना चाहिए। अर्थात् के पूर्व हमें विस्तर उठ जाए, तत्पश्चात् मुख में पानी भरकर ताजे साफ पानी से आँखों पर छिटे मारकर साफ करे यदि संभव हो सके तो मिट्टी के घड़े में रखे पानी का उपयोग करें। ऐसा करने से आँँखें तरोताजा हो जाएगी और सदैव स्वस्थ रहेगी और साथ ही आप अनावश्यक आलस्य से मुक्ति का अनुभव करेंगे । इसके पश्चात दो से तीन गिलास गुनगुने पानी पीकर 10-15 मिनट तक टहले और शौच को जाए।शौच क्रिया से निवृत्त होकर खुली हवा में टहले हल्के व्यायाम, प्राणायाम अपनी शारिरिक क्षमता के अनुसार करें। व्य

FOOD (भोजन) OF DAY TODAY LIFE

नमस्ते,        अभी तक हमने बात की कि हमारी दिनचर्या कैसी है और हमारी दिनचर्या ही हमारी बिमारीयों का एक प्रमुख कारक हैंं...।       किन्तु क्या दिनचर्या ही प्रमुख कारण है इसका उत्तर नहीं मे दिया जा सकता है। दिनचर्या एक प्रमुख कारण अवश्य ही है किन्तु इससे भी प्रमुख कारण जो है वो है हमारा भोजन (FOOD)...         भोजन, हम सभी को पता है हमारे शरीर को कार्य करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है और ये उर्जा हमें भोजन (Food) से ही प्राप्त होती है। अतः हमारा भोजन कैसा हो यह जानना हमारे लिए नितान्त आवश्यक है।          अब आज हम बात करेंगे अनियमित भोजन क्या है और हमें किस तरह के भोजन की कब और कितनी आवश्यकता है, क्या खाना है और क्या नहीं खाना है, कब क्या खाना है?,... अज हम इसी विषय पर बात करने चल रहे हैं-           आइए बात करते हैं भोजन के अनियमितता की हम कुछ भी कभी भी कैसे भी नहीं खा सकते। यदि हम ऐसा कर रहे हैं तो हम अवश्य ही बिमारी की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहें हैं           अनियमित खान पान यह थोड़ा समझने का विषय हैं आज एक कल्चर बन चुका है हम जैसे विस्तर से उठते हैं बेड टी की मा

Disease in life

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Day today life

https://www.facebook.com/GREEN-Bharat-896590310676243/ Hi this is Sumit  Yoga and fitness expert  आज मै बात करना चाहता हूँ जीवन की विभिन्न समस्याओं के बारे में... हम विभिन्न प्रकार की विमारियों से क्यों घिरते जा रहें हैं, नई - नई विमारियां से हमारा जीवन क्यों दो -चार है रहा है? कोई भी बिमारी हमें आसानी से क्यों लग जा रही है? ... ऐसे ही बहुत से प्रश्नों को पुछने की आवश्यकता है।  अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हो तो इन प्रश्नों का उत्तर जानने की बहुत आवश्यकता है। क्या आप जानते हैं कि हमारा शरीर स्वयं ही अपनी चिकित्सा कर सकता है , प्रश्न उठता है कैसे ? आप भी इस बात को अवश्य ही जानते होंगे कि निर्माण और विनाश दोनों ही गुण प्रकृति में विद्यमान हैं ठीक उसी तरह हमारा शरीर भी है... फिर समस्या कहा से है-  उत्तर है दिनचर्या, खान- पान, रहन -सहन,...  हम कैसे रहते हैंं क्या पहनते हैं क्या खाते हैं इन सबका हमारे शरीर एवं कार्य व्यवहार पर प्रभाव होता है इससे हमारे प्रतिरोधक क्षमता पर अनुकूल या विपरीत प्रभाव होता है जिससे हमारे शरीर में बिमारीयों का जन्म या विनाश होता है... आगे आपकी प्