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Showing posts from March, 2020

Hand sanitizer &COVID19

COVID19 से सबसे ज्यादा जिसकी मार्केटिंग हो रही है वो है Hand Sanitizer और  face mask... भारत नमस्ते, विश्व में महामारी का रूप ले चुकी इस संक्रामक बिमारी ने आज विश्व में दो चीजों को महत्वपूर्ण स्थान पर ला दिया है जिसमें से एक  hand sanitizer और दूसरा है फेसमास्क। ऐसा बताया जा रहा है कि हाथों को hand sanitizer से धूलते रहना है और मास्क पहन कर ही रखना है किन्तु बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है...। आइए जानते हैं- Hand Sanitizer:- अनेकों कम्पनियों ने अलग अलग नामों से बाजार hand sanitizer launch किया हुआ आइए जानते है क्या है ये सैनिटाइजर और क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण...। ऐ Hand sanitizer हाँथो को पानी की उपलब्धता न होने पर भी हाथों को साफ रखने के काम में लाया जाता है। यह एक प्रकार का तरल ऐल्कोहलिक द्रव्य है जिसमें 60-70 % एल्कोहल की मात्रा पायी जाती है। आइए जानते हैं इसके उपयोग से उत्पन्न होने वाली समस्या के बारे में- जब हम सैनिटाइजर को हाथों पर लगाते हैं तो हमारे हाँथों पर रहने वाले लाभदायक जीवाणू भी मर जाते हैं जो हमारे शरीर को किसी भी त

CORONA PANDEMIC & HEALTH

वैश्विक महामारी कोरोना से कैसे सुरक्षित रहना है भारत नमस्ते, मेरे प्रिय भारतवासियों मै आपका आपका दोस्त स्वास्थ्य मित्र सुमित सिंह आज मै अपना ब्लॉग प्रधानमंत्री जी के देश के नाम संबोधन के बाद 21 दिनों तक पूरे देश को लॉकडाउन के आह्वान के बाद आपको बहुत से मुद्दों पर जानकारी देने के लिये आया हूँँ। CORONA PANDEMIC #COVID19 अब अपने जन्म के चौथे माह मे पहुँच चुका है यह आज एक वैश्विक महामारी के रूप में विश्व के सभी देशों में दहसत पैदा कर रखा है। दिसम्बर माह में चीन के वुहान शहर में पहला मामला सामने आया और देखते ही देखते विश्व के लगभग सभी राष्ट्र इसकी चपेट में आ गये हैं। जिस देश ने इसे जितना हल्के में लिया आज वो इस संक्रामक महामारी के आगे घूटनों के बल हो गया है। विश्व में चिकित्सा व्यवस्था में दूसरा स्थान रखने वाले इटली की दशा ये है कि सबसे ज्यादा संक्रमण और मौतों का सिलसिला वहाँ पर अब भी जारी है। विश्व के सभी देश लगभग लॉकडाउन पर हैं या बहुत जल्द हो जाएंगे। 25 मार्च 2020 की समाचार पत्र से विश्व की एक झलक..., इतना सब कुछ बताने का उद्देश्य बस इतना है कि अगर आप इ

#Janatakarfew #eradicateCOVID-19

विश्व भर में महामारी की तरह लोगों के दिल में डर का माहौल पैदा कर दिया है आइए हम साथ मिलकर इसका मुकाबला करते हैं। नमस्ते,  मेरे प्यारे देशवासियों मै आपका अपका भाई, दोस्त, साथी, सामाजिक स्वास्थ कार्यकर्ता आपसे आज बात करना चाहता हूँ। इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि जब जब मानव जाति पर संकट आया है देश तथा देशवासियों ने डटकर धैर्य के साथ उसका मुकाबला ही नहीं किया बल्कि हर मुकबले का हमने डट कर मुकाबला किया तथा विजय प्राप्त की है। आज एक बार फिर एक विषाणू जनित संक्रामक बिमारी ने हमें धैर्य और साहस दिखाने का अवसर दिया है हमें इससे ज्यादा चिन्तित और भयभीत होने की जरा भी आवश्यकता नहीं हैं। बल्कि स्वयं को सुरक्षित रखते हुए सभी को जागरूक भी करना है और भययुक्त रहकर अवसर का सही उपयोग करना है। किसी संक्रामक बिमारी को फैलने से रोकना है तो सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने तथा #COVID-19 के प्रसार को रोकने की दिशा मेंं #JANATAKARFEW का आह्वान भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता से आह्वान किया है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए क

COVID-19

कितना खतरनाक है कोरोना विषाणू कैसे बचे इसके प्रकोप से क्या यह वास्तव में खतरनाक है... नमस्ते, आइए जाने पूरी दुनिया में जिस विषणू ने लोगों के मन मे भय का संचार कर रखा है यह कितना घातक है, किसके लिए घातक है, क्यों घातक है और देश तथा लोगों को इसके इस भयानक प्रकोप से कैसे बचाया जा सकता है। दुनिया भर में आतंक का माहौल पैदा करने वाला यह संक्रामक विषाणू आया कहाँ से यह तय करना कठिन हो रहा है। ऐसा पता चला है कि यह चमगादड़ में पाया जाने वाला एक विषाणू है जिसका चीन के लोग भोजन के रूप में उपयोग कर रहे थे। यदि ऐसा है तो प्रश्न है कि क्या चीन में 4-6 महिने पहले ही इसका उपयोग किया गया। विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने से हमें ज्ञात होता है कि वजह कुछ और ही है हम वास्तविकता से कोसों दूर हैं। अभी इस विषय पर बहस करना किसी मूर्खता से कम नहीं है अतः इस तथ्य को विचाराधीन रखते हुए हम इस बात पर बात करें की अब क्या होना चाहिए ज्यादा उचित होगा। सूत्रों के हवाले से यह ज्ञात हो रहा है कि अब तक इस विषाणू से देश में चार मौतें हो चुकी है और 187 लोगों में यह विषाणू पाया गया है। इस विषाणू से जो संक्रमित हैं

Helth benefits of methi 2

मैथी कितना अद्भुत औषधि  आज हम इसके महत्व पर और विस्तार से बात करने जा रहे हैं नमस्ते, हमारे स्वयं पाक घर जितने तरह के मसाले हैं आयुर्वेद में उन्हें औषधि माना गया हैं। मसाला शब्द अंग्रेजों के द्वारा दिया गया। हमारे रसोई घर में ऐसी ही एक अमृत औषधि है मैथी का दाना जिसके बारे में हमने पिछले ब्लॉग में चर्चा की । इस लिंक को ओपन करके आप उसे भी पढ़िए https://sumitalks1.blogspot.com/2020/03/benifit-of-methi.html Youtube video link https://youtu.be/a-d6Gbl8peg मैथी दाना की महत्ता के बारे में बताते हुए वाग्बट्ट जी ने लिखा है कि मैथी दान वात के 48 और वात एवं पित्त 73 रोगों को ठीक करता है। भाई राजीव दीक्षित जी बताते थे कि हमने प्रत्येक बिमारी जो वात एवं पित्त की हैं, के रोगियों की चिकित्सा की और पूर्ण लाभ भी मिला। मै सुमित पिछले चार वर्षों से लगातार आयुर्वेद के नियमों का पालन कर रहा हूँ वैसे तो बचपन से ही बहुत सी बिमारीयों को मेरी माँ आयुर्वेदिक चिकित्सा से ही ठीक करती थी इसलिए मेरी प्रथम गुरु इस क्षेत्र में मेरी माताजी ही हैं जिनसे मुझे आयुर्वेद का लाभ मिलता रहा है। चार साल

Benifit of Methi

मेथी दाना हमारे घर में पायी जाने वाली वात की सर्वोत्तम औषधि है नमस्ते, अभी मैने बात की वात की एक सर्वोत्तम औषधि चूना के बारे में उसी क्रम में आज हम बात करने जा रहे हैं मैथी दाना के बारे में। मैथी दाना वात और कफ दोनों ही तरह के रोगों के उपचार में लाभकारी है औषधि है जो हमारे घरों में आसानी से मिल जाती है। मैथी दाना अद्भुत है यह वात के 48 तथा वात और कफ के 73 से अधिक रोगों के उपचार के लिए सर्वोत्तम औषधि है इसे अपने स्वयं पाक घर में अवश्य रखिए। प्रमुख रोग डाईबीटीज, हाई ब्लडप्रैशर, कोलैस्ट्राल बच्चे के जन्म के समय होने वाली किसी भी समस्या, यूट्रस डिसप्लेसमेंट(गर्भाशय का अपने स्थान से हट जाना) अनिद्रा, माईग्रेन या अधकपरी, बच्चों में कान का दर्द, शरीर की हड्डियों, जोड़ों, मांसपेशियों, तलवे, एड़ी आदि का दर्द, कॉन्स्टीपैशन(कब्ज), पेट तथा मल त्याग में हो रही सभी समस्याओं में पूर्ण लाभकारी, इस प्रकार कुल 70-78 बिमारीयाँ जो वात और पित्त के असंतुलन से उत्पन्न होती हैं उन सब में मैथी दाने का सेवन करने से पूर्ण लाभ मिलता है। विभिन्न रोग तथा सेवन विधि 1 डाईबीटीज या ब्लड शु

How to boost your immunity

हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हमें किन चीजों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। नमस्ते, रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है आइये थोड़ी बात करते हैं प्रतिरोध का शाब्दिक अर्थ है विरोध या प्रतिकार या बाधा स्वस्थ्य शरीर की क्रिया विधि में जिस कारण अनियमितता उत्पन्न हो जाती है उसे बिमारी कहते है। हमारे वतावरण में ऐसे बहुत से शूक्ष्म जीवों का वास है जो हमारे शरीर में बिमारी को उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं या उत्पन्न कर सकते हैं। किन्तु हमारे शरीर का गुण है प्रतिरोध यह वातावरण को अपने अपने अनुकूल  बनाने के लिए वातावरण के हानिकारक जीवों के प्रति प्रतिरोध का निर्माण करती है। इस प्रतिरोध की वजह से सभी हानिकारक जीव जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है, का प्रबल प्रतिरोध कर उन्हें मार देती है। यहीं प्रतिरोधक क्षमता है  इसकी प्रबलता जितनी अधिक होगी बिमारीयों से लड़ने की क्षमता भी उतनी ही ज्यादा होगी। अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए  इनका अवश्य सेवन करें ****************************************      बदलते मौसम में शरीर आसानी से किसी भी तरह के फ्लू की चपेट में आ सकता

World sleeping day

विश्व निद्रा दिवस पर विशेष लेख by Dr.Aarif sir विश्व निद्रा दिवस 2020 जिस दिन मनाया जा रहा है-13 मार्च • फेसबुक ने जिस नाम से भारत में सीएसआर पहल की शुरुआत की है- प्रगति • जिस राज्य में कोकून उत्पादन के मलबरी डिज़ीज़ की चपेट में आने के बावजूद यह स्वदेशी रेशम की बढ़ती मांग को पूरा करने हेतु पर्याप्त मात्रा में समय पर उपलब्ध है- कर्नाटक • हाल ही में जिस संस्था ने कोरोनोवायरस के प्रभाव से निपटने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से ‘COVID एक्शन प्लेटफॉर्म’ लॉन्च किया है- विश्व आर्थिक मंच (WEF) • राष्ट्रीय 6-रेड स्नूकर चैंपियनशिप का खिताब हाल ही में जिसने जीता- पंकज आडवाणी • मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने हाल ही में कोरोनो वायरस के कारण भारत के विकास के अनुमान को जितने प्रतिशत तक घटाकर कर दिया है-5.3 फीसदी • भारत ने हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से जिस तारीख तक सभी पर्यटन वीजा निलंबित कर दिए हैं-15 अप्रैल • भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 का मुख्य आयोजन जिस शहर में किया जायेगा- लेह • हाल ही में जिस देश की संसद द्वारा पारित प्रस्ताव

Benefits of shyam Tulasi

आज हम बात करने जा रहे हैं दिव्य औषधि  तुलसी की नमस्ते,  मित्रों तुलसी एक प्राकृतिक एवं पूज्य वनस्पति है। यह हमारे घरों आसनी से मिल जाती है। सदियों से तुलसी की पूजा की जाती रही है इतना ही नहीं यह तुलसी केवल भारत भूमि पर ही पायी जाती है विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं। भारत भूमि को देव भूमि कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर पेड़ - पौधों, जीव-जन्तुओं को देव तुल्य मानकर उनकी पूजा की जाती रही है अनेकों ऋषियों ने समय समय पर अपने लेखों के माध्यम से इस वसुंधरा की महिमा का गौरव गान किया तथा इसकी महिमा के बारे में बताया है। अनादि काल से भारत भूमि पर औषधियों के माध्यम से चिकित्सा की जाती रही है इतना ही नहीं हमारी भारती आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ऐसे रोगों का उपचार किया है जिसका विश्व कि किसी चिकित्सा पद्धति में आज तक कोई उपचार नहीं मिल पाया है। आज हम जिस आयुर्वेदिक औषधिकी बात करने जा रहें हैं उसका नाम है "श्याम तुलसी"। तुलसी की कयी प्रजातीयां हैं किन्तु हमारे घरों में जो तुलसी बहुतायत में पायी जाती है वो है राम तुलसी और श्याम तुलसी। राम तुलसी हल्के हरे रंग के पत्तों वाली होती है इस त

Cancer

कैंसर क्या है, क्यों होता है,इसका उपचार क्या है इससे कैसे बचा जाय नमस्ते, आज हम बात करने जा रहें हैं कैंसर के बारे में कैंसर हमारे शरीर के किसी भाग में कोशिकाओं की अनियन्त्रित वृद्धि का रुप है। कोशिका शरीर की सबसे छोटे इन्हीं कोशिकाओं के समूह से शरीर का निर्माण होता होता ये कोशिकाए एक नियंत्रित श्रृंखला में बनती तथा नष्ट होती रहती है। किन्तु कभी कभी किसी गड़बड़ी के कारण शरीर के किसी भाग में अनियंत्रित कोशिकाओं का निर्माण होने लग जाता है और ट्यूमर का रूप ले लेता है। हर ट्यूमर कैंसर नहीं है किन्तु कोशिकाओं का विस्तार अनवरत जारी रहना ही कैंसर है। कैंसर का कारण कैंसर होने के कयी कारण है, जिसके प्रमुख कारणों में सर्वप्रमुख स्थान तंबाकू, पान मसाला, बीडी, सिगरेट, मद्यपान आदि प्रमुख है, किन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे खान पान, रहन सहन एवं भोजन मेंं प्रयुक्त पदार्थ भी इसका कारण हो सकते हैं। जी हाँ ऐसा है बाजार की तली-भूनी चीजें, अत्यधिक मिर्च मसालों का सेवन, सभी प्रकार के रिफाइण्ड तेल, वनस्पति तेल, वनस्पति घी, मांस, डिब्बा बन्द भोज्यपदार्थों आदि तथा भारतीय नश्ल की गायों को के अला

Frestival of holi

नमस्ते, रंगोत्सव, आइए रंगों के पवित्र उत्सव रंगोत्सव पर बात करते हैं प्रेम और भाईचारे का प्रतीक यह पवित्र महोत्सव होली जिसके प्रारम्भ का इतिहास के आध्यात्मिक ग्रंथों में हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद की बुआ होलीका के अग्नि में जलने के पश्चात इस उत्सव के प्रारम्भ की बात कही गई है इतिहास चाहे जो भी हो होली का यह उत्सव बुराई पर अच्छाई, अहिंसा पर हिंसा, अहंकार पर इश्वर भक्ति, प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। ये तो हुई आध्यात्मिक इतिहास की बात पर आधुनिक समय में यह उत्सव एक अलग ही स्वरूप प्रस्तुत कर रहा है भगवान श्री कृष्ण की लिलाओं में से एक लीला होली में बरसाने में राधा के साथ होली का यह उत्सव भक्ति और प्रेम का अद्भुत रूप प्रस्तुत करता है। यह सिर्फ होली या रंगोत्सव ही नहीं प्रेमोत्सव भी क्योंकि यह जीवन में प्रेम लेकर आता है यह भाईचारे का महोत्सव है क्योंकि हर कोई आनन्द में रहता है जो जैसा भी हो सुख का अनुभव करता है। हर चेहरा कयी रंगों में मिलकर एक रंग हो जाता है।जाति का कोई भेद नहीं रह जाता आइए हम मिल कर इस महोत्सव के आदर्शों का प्रचार करते हैं रंगों के इस मह

Breakfast, lunch, dinner

कब , क्या और कितना भोजन करना चाहिए? नमस्ते,  आज हम बात करेंगे हमें कब ,क्या खाना चाहिए कितना खाना चाहिए इस बात का निर्धारण कैसे होता है। महर्षि वाग्बट्ट ने कयी वर्षों तक इस पर अध्ययन किया और जानने का प्रयास किया आज मैं इसी के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ। हमारा शरीर कभी भी कुछ भी खाने के लिए नहीं बना है खाने का सही समय और सही नियम जानना बहुत आवश्यक है। हमारे शरीर के सभी अंगों जैसे लीवर, किडनी, गुर्दे, हर्ट...आदि के कार्य करने का एक निश्चित समय होता है जिस समय वह सर्वाधिक सक्रिय होता है। जैसे हमारा हृदय व्रम्ह मुहूर्त के 2.5 घण्टे पहले तक सर्वाधिक सक्रिय होता है इसीलिए सर्वाधिक हृदय घात इसी समय होता है। ठीक इसी प्रकार हमारी जठराग्नी भी सूर्योदय के बाद सक्रिय होती है और सूर्योदय के 2.5 घण्टे तक सर्वाधिक सक्रिय रहता है इस समय आप जो भी भोजन ग्रहण करेंगे आसानी से पूर्णतः पच जाता है। पूर्ण रूप से पचा हुआ भोजन से रक्त, मांस, मज्जा, मेंद, वीर्य आदि का निर्माण शरीर में होता है। जठर शरीर की पाचन क्रिया का प्रारम्भ है जिसमें जिसमें हमारी द्वारा खाया गया भोजन एकत्रित होता है जैस

Trifala

क्या है त्रिफला हमारे जीवन में इसका क्या उपयोग है?... नमस्ते,           आयुर्वेद की अनमोल औषधि त्रिफला त्रीदोष (वात, पित्त एवं कफ) नासक प्रकृति की सर्वोत्तम औषधि त्रिफला भारत को प्रकृति की अनुपम भेट है इस त्रिफला के महत्व को बताते हुए महर्षि वाग्बट्ट जी ने त्रिफला पर 120सूत्र लिखा हुआ है।  त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है- 1- आँवला https://youtu.be/BEvdE2Vhra0https://youtu. be/BEvdE2Vhra0 2) हरड़।                3) बहेड़ा आँवला हरण तथा बहेड़ा के आनुपातिक मिश्रण से त्रिफला का निर्माण होता है। त्रिदोष को एक साथ सम रखने का गुण केवल त्रिफला में विद्यमान है जो हमारी रसोई घर में आसानी से मिल जाती है। ध्यान देने की बात यह है कि बाजार में मिलने वाली त्रिफला का उपयोग करने के स्थान पर घर पर ही त्रिफला को बनाकर उपयोग करें। बनाने की विधि:- एक भाग हरड़ का, दो अनुपात बहेड़ा और तीन अनुपात आँवला लेकर सूखाकर हल्का मोटा चूर्ण बना ले और एयर टाइट जार में बन्द करके रखें और उपयोग करें। ध्यान रहें मात्रा सही होना बहुत आवश्यक है। अब मान लीजिए आपने 100 ग्राम हरण लिया तो 200 ग

Healthtips for fit and healthy life

ये चार नियम अपना लीजिये आप जीवन में कभी बीमार नहीं पड़ोगे  नमस्ते,       आज हम महर्षि वाग्भट्ट के द्वारा बताए चार नियमों पर बात करेंगे जिनका पालन सभी मनुष्यों के लिए आवश्यक है अगर जीवन मेंं आप कभी भी बीमार नहीं पड़ना चाहते हैं तो...। पर उससे पहले कुछ और बाते जो आपको जानना चाहिए उस पर भी बात कर लें। जब हम भारत में चिकित्सा पद्धति की बात करते हैं तो इसका सीधा संबंध आयुर्वेद से होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गहन अध्ययन के बताया गया कि हमारे शरीर में तीन तरह के विकार हैं - वात, पित्त तथा कफ। इन्हें ही त्रीदोष कहा जाता है। शरीर में इनका संतुलन ही जीवन है तथा त्री दोष में असंतुलन बिमारीयों , अस्वस्थ जीवन तथा मृत्यु का कारण बनती है। समय पर भारत भूमि पर अनेकों आयुर्वेदाचार्यों का उदय हुआ जिन्होंने भारत भूमि लोगों में होने वाली बिमारीयों का गहन अध्ययन किया तथा उनका सरलतम आयुर्वेदिक उपचार भी बताया।उन्हीं आयुर्वेद आचार्यों में से हैं महर्षि वाग्भट्ट जिन्होंने अपनी पुस्तक "अष्टांगहृदयम" तथा "अष्टांगसंग्रहम" में स्वस्थ्य जीवन के लिये उपयोगी 7000 सूत्रों की रचना ज

Benifit of calcium carbonate(चूना)

चूने के अन्य स्वास्थ्य वर्धक लाभों पर विस्तार से चर्चा नमस्ते, आइए चूने के बारे में और विस्तार से बात करते हैं। गुर्दे की सभी बिमारीयों में चूना सर्वोत्तम औषधि है। वात की सर्वोत्तम औषधि है चूना दाँत की सभी समस्याओं जैसे पानी लगना, दाँत हिलना, पाइरिया, मुँह की दुर्गन्ध आदि को चूना ठीक करता है लम्बे तक मदिरा सेवन से उत्पन्न हुई सभी समस्याओं को चूना ठीक करता है। 100ग्राम गुनगुने पानी में 1 ग्राम चूना मिलाकर लगातार 4माह तक देवे। यदि किसी बच्चे में परीक्षा भय (फोबीया) हो उसे चूना खिलाइए, इतना ही नहीं जो बच्चे पढाई से भागते हैं उन सभी के लिए चूना सर्वोत्तम औषधि है। 40-45 उम्र के पश्चात हमारा शरीर भोजन के अन्य रूपों से केल्शियम अवशोषित नहीं कर पाता इसकी पूर्ति के लिए हमें चूने का सेवन आवश्यक है। क्योंकि केल्शियम की कमी के कारण बहुत से शूक्ष्म पोषक तत्वों का लाभ शरीर को नहीं मिल पाता जिससे बिमारी उत्पन्न होती है। केल्शियम की कमी से शरीर में अनेको बीमारीया हो जाती है चूने का सेवन उन सभी की सर्वोत्तम औषधि है। 50 की उम्र के बाद माताओं में मासिक धर्म बन्द हो जाता है।माताओं में म

Corona virus

क्या है कोरोना वायरस हम कितने सुरक्षित, क्या हमें इस गम्भीर बिमारी से डरने की आवशयकता है आइए आज बात करते हैं- नमस्ते मित्रों आप सभी का स्वागत है। आज हम बात करेंगे विश्व के देशों में महामारी की तरह फैल रहे कोरोना विषाणू के बारे में। क्या ये विषाणू वास्तव में इतना घातक है या लोगों में अनावश्यक डर को बढाने का प्रयास मात्र है। आज इस विषय पर विस्तार से बात करना परमावश्यक है, हमें इससे डरने की आवश्यकता भी है या नहीं। इस विषाणू से हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं...। वास्तविकता:- चीन की धरती पर उत्पन्न यह विषाणू जिसे कोरोना विषाणू के नाम से जाना जा रहा एक निश्चित तापमान पर ही जीवित रह सकता है। वास्तव में यह ठण्डे प्रदेशों में और कम तापमान में तेजी से फलता-फूलता है। ठण्ढे देशों में लोगों रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत निर्बल होती है क्योंकि वहाँ के लोगों का खान पान और रहन-सहन तथा तापमान उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर बना देती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कई कारण हैंं जैसे प्राकृतिक शुध्द ताजे पके भोजन के स्थान पर डिब्बा बन्द भोज्य पदार्थों का सेवन, ज्यादा मसाले युक्त तले भ

Benefits of calcium carbonate(चूना का महत्व)

70 से अधिक बिमारीयों की अचूक सर्वोत्तम औषधि है चूना प्रकृति की अनमोल औषधि चूना प्रकृति में प्रचुर मात्रा पाया जाता है यह 70से अधिक गम्भीर बिमारीयों को जड़ से समाप्त करने वाली अनमोल औषधि है...। नमस्ते, मै सुमित सिंह आज आपके लिए फिर एक अनमोल प्राकृतिक औषधि के गुणों के बारे में आपको बताऊंगा-- जैसा आप सभी जानते हैं चूना कैल्शियम का सबसे प्रचुर स्रोत है और यह प्रकृति में बहुतायत में पाया जाता है। हमारे शरीर में हड्डियों की ग्रोथ और मजबूती के साथ साथ ही बहुत सारे मिनरल्स के बेस के रूप कैल्शियम की आवश्यकता होती है। कैल्शियम की कमी से हड्डियों में ही नहीं आती बल्कि अनेकों बिमारीयों का शरीर में आगमन हो जाता है। बच्चे गर्भावस्था से मृत्यु से पूर्व तक केल्शियम आवश्यकता रहती हैं...। केल्शियम की उसी आवश्यकता को पूरा करने में चूना बहुत महत्व का है...। 'ध्यान रहे केवल वाले चूने से बना चूना खाना ही महत्व का है और अन्म किसी भी चूने की कोई उपयोगिता नहीं है। पत्थर वाला चूना बाजार से लाइए और मिट्टी के घड़े मेंं पानी डालकर रख दीजिए 4-5 दिनों के बाद उपयोग करने योग्य हो जाएगा। अब इसमें पानी

Use of Indian cow ghee

भारतीय गाय के घी का महत्व कितना उपयोगी है ये घी जानेंगे हम इस लेख में- आइए जानते हैं देशी गाय के घी के महत्व के बारे में आखिर क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण? क्या है इसके स्वास्थ्य लाभ इन सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि यहाँ किसे देशी गाय कहा जा रहा है और ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है? नमस्ते मित्रों मै सुमित सिंह आपके लिए लेकर आया  हूँ नयी जानकारी गाय जिसे हमारे धर्म ग्रन्थों में माता का स्थान दिया गया है यह कोई सामान्य बात नहीं है इसका सदैव महत्व रहा है। भारती नस्ल की जिनके पास "डिल्ल" होती वो सभी भारती नस्ल की या देशी गाये हैं जिन्हें माता का स्थान दिया गया है। आज बहुत सारी विदेशी नस्ल की गायों का भारत में प्रभुत्व स्थापित होता जा रहा जिनके कारण भारती नस्ल के गायों का अस्तित्व संकट में है। आज मै आपको बताना चाहता हूँ कि हम जिन विदेशी नस्लों- जर्सी, फिजीसीयन,आदि का पालन करने लगे है ताकि अत्यधिक दुग्ध उत्पादन कर सके , किन्तु हम इस तथ्य से अनजान बने हुए हैं कि ये दूध हमारे लिए कैंसर जैसी घातक बिमारीयों को जन्म दे रहा है ऐसा अनेक अध्ययनों में प्रमाणित हो चुका है। गाय दुग