Skip to main content

In winter for good health

*ठंड में बेहतर स्वास्थ्य के लिए इन 8 बातों का रखें विशेषतौर पर ध्यान*

1 जितनी ज्यादा बार संभव हो अपने हाथ धोएं ताकि कीटाणु पैर न पसार सकें। यही कीटाणु मौसम की बीमारियों को जन्म देकर तीव्रता से फैलाते हैं, तो हाथों से ही ज्यादा फैलते हैं।

2 अत्यध‍िक तनाव लेने से बचें, क्योंकि यह आपके शरीर की बीमारियों और संक्रमण से लड़ने की क्षमता है उसमें बाधा उत्पन्न करता है।

3 रोजाना करीब आधा घंटा व्यायाम जरूर करें। इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होगी और शरीर में गर्मी बनी रहेगी।

4 जब कभी आप सर्दी, जुकाम या बुखार से पीड़ि‍त हों, तो ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशि‍श करें। नेचुरल रूप से विटामिन सी का सेवन बढ़ा ले जैसे नारियल पानी, आमला जूस, संतरा जूस

5 सर्दी और फ्लू वायरस की वजह से होते हैं, इसलिए इनमें एंटीबायटिक मदद नहीं करतीं। इस दौरान जरूरत से ज्यादा कसरत न करें।अमूमन सर्दी या फ्लू होने से पहले गला खराब हो जाता है। ऐसे में बिना दूध की मसाला चाय, कॉफी या गुनगुना नींबू पानी व शहद का सेवन करने से आराम मिलता है।

6 हर आधा घंटे में नमक डालकर गुनगुने पानी से गरारे करने से दर्द और बेचैनी से राहत मिलती है। साथ ही गले की खराश और सर्दी की अन्य समस्याओं में आराम मिलता है।

हैल्थ एक्टिविस्ट
जान अब्दुल्लाह की कलम से।

Comments

Popular posts from this blog

Hand sanitizer &COVID19

COVID19 से सबसे ज्यादा जिसकी मार्केटिंग हो रही है वो है Hand Sanitizer और  face mask... भारत नमस्ते, विश्व में महामारी का रूप ले चुकी इस संक्रामक बिमारी ने आज विश्व में दो चीजों को महत्वपूर्ण स्थान पर ला दिया है जिसमें से एक  hand sanitizer और दूसरा है फेसमास्क। ऐसा बताया जा रहा है कि हाथों को hand sanitizer से धूलते रहना है और मास्क पहन कर ही रखना है किन्तु बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है...। आइए जानते हैं- Hand Sanitizer:- अनेकों कम्पनियों ने अलग अलग नामों से बाजार hand sanitizer launch किया हुआ आइए जानते है क्या है ये सैनिटाइजर और क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण...। ऐ Hand sanitizer हाँथो को पानी की उपलब्धता न होने पर भी हाथों को साफ रखने के काम में लाया जाता है। यह एक प्रकार का तरल ऐल्कोहलिक द्रव्य है जिसमें 60-70 % एल्कोहल की मात्रा पायी जाती है। आइए जानते हैं इसके उपयोग से उत्पन्न होने वाली समस्या के बारे में- जब हम सैनिटाइजर को हाथों पर लगाते हैं तो हमारे हाँथों पर रहने वाले लाभदायक जीवाणू भी मर जाते हैं जो हमारे शरीर को ...

#Janatakarfew #eradicateCOVID-19

विश्व भर में महामारी की तरह लोगों के दिल में डर का माहौल पैदा कर दिया है आइए हम साथ मिलकर इसका मुकाबला करते हैं। नमस्ते,  मेरे प्यारे देशवासियों मै आपका अपका भाई, दोस्त, साथी, सामाजिक स्वास्थ कार्यकर्ता आपसे आज बात करना चाहता हूँ। इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि जब जब मानव जाति पर संकट आया है देश तथा देशवासियों ने डटकर धैर्य के साथ उसका मुकाबला ही नहीं किया बल्कि हर मुकबले का हमने डट कर मुकाबला किया तथा विजय प्राप्त की है। आज एक बार फिर एक विषाणू जनित संक्रामक बिमारी ने हमें धैर्य और साहस दिखाने का अवसर दिया है हमें इससे ज्यादा चिन्तित और भयभीत होने की जरा भी आवश्यकता नहीं हैं। बल्कि स्वयं को सुरक्षित रखते हुए सभी को जागरूक भी करना है और भययुक्त रहकर अवसर का सही उपयोग करना है। किसी संक्रामक बिमारी को फैलने से रोकना है तो सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने तथा #COVID-19 के प्रसार को रोकने की दिशा मेंं #JANATAKARFEW का आह्वान भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता से आह्वान किया है इसकी जितनी भी प्रशंसा की ज...

Water

पानी कब कितना और कैसे पिए?... जब हम अपने शरीर का वर्ग करते है तो हम पाते हैं कि पानी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि ये 72% हैं। हमारे शरीर में 72% पानी, 12% पृथ्वी, 6%हवा, 4% अग्नि तथा बाकी सब आकाश है। हमें पानी का जबरदस्त ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ये 72% है। अतः आइए आज हम बात करते हैं कि हमें कब कितना पानी पीना चाहिए, पानी को कैसे पीना चाहिए, किस तरह का पानी पीना चाहिए?.. पानी पीने का सही तरीका- पानी सदैव बैठकर पीना चाहिए, पानी को सिप- सिप करके पीए(घूँट- धूँट ) करके पीना चाहिए। ऐसा क्यों? इसके जवाब में महर्षि वाग्भट्ट लिखते हैं कि हमारे मुख मे लार बनता है जिसकी प्रकृति क्षारीय है। जब हम पानी को सिप या घूँट करके पीते हैं तो लार पानी मे मिल कर उसे क्षारीय बना देता है।वही दूसरी तरफ हमारे पेट की प्रकृति अम्लीय है ऐसी स्थिति में जब अम्ल और क्षार आपस मेंं मिलकर उदासीन हो जाते हैं जिससे हमारा भोजन बिसाक्त होने से बच जाता है और हम सदा स्वस्थ जवान और ऊर्जावान रहते हैं। कब कितना पानी पीना चाहिए और कब पानी नहीं पीना चाहिए। महर्षि वाग्भट्ट आगे लिखते हैं हमा...