Skip to main content

FOOD (भोजन) OF DAY TODAY LIFE

नमस्ते,

       अभी तक हमने बात की कि हमारी दिनचर्या कैसी है और हमारी दिनचर्या ही हमारी बिमारीयों का एक प्रमुख कारक हैंं...।

      किन्तु क्या दिनचर्या ही प्रमुख कारण है इसका उत्तर नहीं मे दिया जा सकता है। दिनचर्या एक प्रमुख कारण अवश्य ही है किन्तु इससे भी प्रमुख कारण जो है वो है हमारा भोजन (FOOD)...
        भोजन, हम सभी को पता है हमारे शरीर को कार्य करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है और ये उर्जा हमें भोजन (Food) से ही प्राप्त होती है। अतः हमारा भोजन कैसा हो यह जानना हमारे लिए नितान्त आवश्यक है।

         अब आज हम बात करेंगे अनियमित भोजन क्या है और हमें किस तरह के भोजन की कब और कितनी आवश्यकता है, क्या खाना है और क्या नहीं खाना है, कब क्या खाना है?,... अज हम इसी विषय पर बात करने चल रहे हैं-

          आइए बात करते हैं भोजन के अनियमितता की हम कुछ भी कभी भी कैसे भी नहीं खा सकते। यदि हम ऐसा कर रहे हैं तो हम अवश्य ही बिमारी की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहें हैं
          अनियमित खान पान यह थोड़ा समझने का विषय हैं आज एक कल्चर बन चुका है हम जैसे विस्तर से उठते हैं बेड टी की माँँग करते हैं सुबह नाश्ता करते हैं नास्ते में जलेबी पकोड़े, समौसे, बाजार की तली भुनि चीजें- ब्रैड चाय काफी नमकीन बिस्कुट... आदि अनेक ऐसे उत्पादों का आहार कर रहे हैं ।
           दोपहर के भोजन का बात ही ना करे इसके अलावा मांस अण्डा मसाले हमारे आहार के प्रमुख भाग हो गयेंं हैं। देर रात्रि में खाना भरपूर भोजन हमारी भोजन की पद्धति का प्रमुख अंग बन गया है बासी भोजन फ्रिज रखा हुआ खाना आइसक्रीम फ्रिज के ठंडे भोज्य पदार्थों का हमारे सम्पूर्ण आहार श्रृंखला में प्रमुख स्थान हैं...।
           इन सभी चीजों के बारे मेंं प्रचार के द्वारा एक अलग ही चित्र प्रस्तुत किया जा रहा है
          भोजन के आसान और सरल तरीकों का प्रचार किया जा रहा है स्वाद को प्रमुख स्थान दिया गया भोजन की गुड़वत्ता और स्वस्थ पर इसके प्रभाव की कोई बात नहीं की जा रही है।

भोजन यह स्वरूप बहुत ही भयानक है जो हमारे स्वास्थ के लिये sweet poison के रूप में हमारे शरीर में रोगों को जन्म दे रहा है।

भोजन के ये अनियमितता हमारी बिमारी का प्रमुख कारण है हमारे लिए खान पान के इस स्वरूप पर मंथन करने की आवश्यकता है ।

हमें सबसे पहले यह जानने की आवश्यकता है कि हमारा भोजन कैसा हो। हमें कब क्या खाना है और कितनी मात्रा में खाना हैं...
इस पर बात हम अपने अगले लेख में करेंगे

                   ।।धन्यवाद।।

Comments

  1. Bohot khoob sumit aaj ki दिनचर्या को dekhte हुए Bohot-3 achche विषय-वस्तु के साथ ब्लॉग लिखा आपने

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thank you ji aap logo ka pyar milta rahega to likhta hi rahunga

      Delete
  2. Bahut hi Sundar sumit aur bahut aage jaaoge bus likhate raho aise bahut pyara

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Day today life

https://www.facebook.com/GREEN-Bharat-896590310676243/ Hi this is Sumit  Yoga and fitness expert  आज मै बात करना चाहता हूँ जीवन की विभिन्न समस्याओं के बारे में... हम विभिन्न प्रकार की विमारियों से क्यों घिरते जा रहें हैं, नई - नई विमारियां से हमारा जीवन क्यों दो -चार है रहा है? कोई भी बिमारी हमें आसानी से क्यों लग जा रही है? ... ऐसे ही बहुत से प्रश्नों को पुछने की आवश्यकता है।  अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हो तो इन प्रश्नों का उत्तर जानने की बहुत आवश्यकता है। क्या आप जानते हैं कि हमारा शरीर स्वयं ही अपनी चिकित्सा कर सकता है , प्रश्न उठता है कैसे ? आप भी इस बात को अवश्य ही जानते होंगे कि निर्माण और विनाश दोनों ही गुण प्रकृति में विद्यमान हैं ठीक उसी तरह हमारा शरीर भी है... फिर समस्या कहा से है-  उत्तर है दिनचर्या, खान- पान, रहन -सहन,...  हम कैसे रहते हैंं क्या पहनते हैं क्या खाते हैं इन सबका हमारे शरीर एवं कार्य व्यवहार पर प्रभाव होता है इससे हमारे प्रतिरोधक क्षमता पर अनुकूल या विपरीत प्रभाव होता है जिससे हमारे शरीर में बिमारीयों का जन्म या विनाश होता है... आगे आपकी प्

COVID-19

कितना खतरनाक है कोरोना विषाणू कैसे बचे इसके प्रकोप से क्या यह वास्तव में खतरनाक है... नमस्ते, आइए जाने पूरी दुनिया में जिस विषणू ने लोगों के मन मे भय का संचार कर रखा है यह कितना घातक है, किसके लिए घातक है, क्यों घातक है और देश तथा लोगों को इसके इस भयानक प्रकोप से कैसे बचाया जा सकता है। दुनिया भर में आतंक का माहौल पैदा करने वाला यह संक्रामक विषाणू आया कहाँ से यह तय करना कठिन हो रहा है। ऐसा पता चला है कि यह चमगादड़ में पाया जाने वाला एक विषाणू है जिसका चीन के लोग भोजन के रूप में उपयोग कर रहे थे। यदि ऐसा है तो प्रश्न है कि क्या चीन में 4-6 महिने पहले ही इसका उपयोग किया गया। विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने से हमें ज्ञात होता है कि वजह कुछ और ही है हम वास्तविकता से कोसों दूर हैं। अभी इस विषय पर बहस करना किसी मूर्खता से कम नहीं है अतः इस तथ्य को विचाराधीन रखते हुए हम इस बात पर बात करें की अब क्या होना चाहिए ज्यादा उचित होगा। सूत्रों के हवाले से यह ज्ञात हो रहा है कि अब तक इस विषाणू से देश में चार मौतें हो चुकी है और 187 लोगों में यह विषाणू पाया गया है। इस विषाणू से जो संक्रमित हैं