Skip to main content

Profit of turmeric milk

*क्या आप जानते हैं हल्दी वाले दूध के बेमिसाल फायदे?*

(दूध अपनी बकरी या अपनी देसी गाय का हो, क्योकि बाहर के दूध पर विश्वास पूरी तरह खत्म हो चुका है या बादाम का दूध हो)

1 जब चोट लग जाए - यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी वाला दूध उसे जल्द से जल्द ठीक करने में बेहद लाभदायक है। क्योंकि यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।

2 शारीरिक दर्द - शरीर के दर्द में हल्दी वाला दूध आराम देता है। हाथ पैर व शरीर के अन्य भागों में दर्द की शिकायत होने पर रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करें।

3 त्वचा हो साफ और खूबसूरत - दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है, और दूध के साथ हल्दी का सेवन, एंटीसेप्टिक व एंटी बैक्टीरियल होने के कारण त्वचा की समस्याओं जैसे इंफेक्शन, खुजली, मुंहासे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।

4 सर्दी होने पर - सर्दी, जुकाम या कफ होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन अत्यधिक लाभकारी साबित होता है। इससे सर्दी, जुकाम तो ठीक होता ही है, साथ ही गर्म दूध के सेवन से फेफड़ों में जमा हुआ कफ भी निकल जाता है। सर्दी के मौसम में इसका सेवन आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।


हैल्थ एक्टिविस्ट
जान अब्दुल्लाह

Comments

  1. If you're trying hard to lose fat then you absolutely have to start following this brand new personalized keto plan.

    To design this service, certified nutritionists, personal trainers, and professional chefs have united to provide keto meal plans that are useful, decent, cost-efficient, and fun.

    From their launch in 2019, 100's of clients have already remodeled their body and health with the benefits a certified keto plan can offer.

    Speaking of benefits: clicking this link, you'll discover 8 scientifically-tested ones provided by the keto plan.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Hand sanitizer &COVID19

COVID19 से सबसे ज्यादा जिसकी मार्केटिंग हो रही है वो है Hand Sanitizer और  face mask... भारत नमस्ते, विश्व में महामारी का रूप ले चुकी इस संक्रामक बिमारी ने आज विश्व में दो चीजों को महत्वपूर्ण स्थान पर ला दिया है जिसमें से एक  hand sanitizer और दूसरा है फेसमास्क। ऐसा बताया जा रहा है कि हाथों को hand sanitizer से धूलते रहना है और मास्क पहन कर ही रखना है किन्तु बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डालने की आवश्यकता है...। आइए जानते हैं- Hand Sanitizer:- अनेकों कम्पनियों ने अलग अलग नामों से बाजार hand sanitizer launch किया हुआ आइए जानते है क्या है ये सैनिटाइजर और क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण...। ऐ Hand sanitizer हाँथो को पानी की उपलब्धता न होने पर भी हाथों को साफ रखने के काम में लाया जाता है। यह एक प्रकार का तरल ऐल्कोहलिक द्रव्य है जिसमें 60-70 % एल्कोहल की मात्रा पायी जाती है। आइए जानते हैं इसके उपयोग से उत्पन्न होने वाली समस्या के बारे में- जब हम सैनिटाइजर को हाथों पर लगाते हैं तो हमारे हाँथों पर रहने वाले लाभदायक जीवाणू भी मर जाते हैं जो हमारे शरीर को ...

#Janatakarfew #eradicateCOVID-19

विश्व भर में महामारी की तरह लोगों के दिल में डर का माहौल पैदा कर दिया है आइए हम साथ मिलकर इसका मुकाबला करते हैं। नमस्ते,  मेरे प्यारे देशवासियों मै आपका अपका भाई, दोस्त, साथी, सामाजिक स्वास्थ कार्यकर्ता आपसे आज बात करना चाहता हूँ। इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि जब जब मानव जाति पर संकट आया है देश तथा देशवासियों ने डटकर धैर्य के साथ उसका मुकाबला ही नहीं किया बल्कि हर मुकबले का हमने डट कर मुकाबला किया तथा विजय प्राप्त की है। आज एक बार फिर एक विषाणू जनित संक्रामक बिमारी ने हमें धैर्य और साहस दिखाने का अवसर दिया है हमें इससे ज्यादा चिन्तित और भयभीत होने की जरा भी आवश्यकता नहीं हैं। बल्कि स्वयं को सुरक्षित रखते हुए सभी को जागरूक भी करना है और भययुक्त रहकर अवसर का सही उपयोग करना है। किसी संक्रामक बिमारी को फैलने से रोकना है तो सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है इसका सबसे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने तथा #COVID-19 के प्रसार को रोकने की दिशा मेंं #JANATAKARFEW का आह्वान भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जनता से आह्वान किया है इसकी जितनी भी प्रशंसा की ज...

Water

पानी कब कितना और कैसे पिए?... जब हम अपने शरीर का वर्ग करते है तो हम पाते हैं कि पानी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि ये 72% हैं। हमारे शरीर में 72% पानी, 12% पृथ्वी, 6%हवा, 4% अग्नि तथा बाकी सब आकाश है। हमें पानी का जबरदस्त ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि ये 72% है। अतः आइए आज हम बात करते हैं कि हमें कब कितना पानी पीना चाहिए, पानी को कैसे पीना चाहिए, किस तरह का पानी पीना चाहिए?.. पानी पीने का सही तरीका- पानी सदैव बैठकर पीना चाहिए, पानी को सिप- सिप करके पीए(घूँट- धूँट ) करके पीना चाहिए। ऐसा क्यों? इसके जवाब में महर्षि वाग्भट्ट लिखते हैं कि हमारे मुख मे लार बनता है जिसकी प्रकृति क्षारीय है। जब हम पानी को सिप या घूँट करके पीते हैं तो लार पानी मे मिल कर उसे क्षारीय बना देता है।वही दूसरी तरफ हमारे पेट की प्रकृति अम्लीय है ऐसी स्थिति में जब अम्ल और क्षार आपस मेंं मिलकर उदासीन हो जाते हैं जिससे हमारा भोजन बिसाक्त होने से बच जाता है और हम सदा स्वस्थ जवान और ऊर्जावान रहते हैं। कब कितना पानी पीना चाहिए और कब पानी नहीं पीना चाहिए। महर्षि वाग्भट्ट आगे लिखते हैं हमा...