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Benefits of calcium carbonate(चूना का महत्व)

70 से अधिक बिमारीयों की अचूक सर्वोत्तम औषधि है चूना प्रकृति की अनमोल औषधि

चूना प्रकृति में प्रचुर मात्रा पाया जाता है यह 70से अधिक गम्भीर बिमारीयों को जड़ से समाप्त करने वाली अनमोल औषधि है...।

नमस्ते, मै सुमित सिंह आज आपके लिए फिर एक अनमोल प्राकृतिक औषधि के गुणों के बारे में आपको बताऊंगा--


जैसा आप सभी जानते हैं चूना कैल्शियम का सबसे प्रचुर स्रोत है और यह प्रकृति में बहुतायत में पाया जाता है। हमारे शरीर में हड्डियों की ग्रोथ और मजबूती के साथ साथ ही बहुत सारे मिनरल्स के बेस के रूप कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

कैल्शियम की कमी से हड्डियों में ही नहीं आती बल्कि अनेकों बिमारीयों का शरीर में आगमन हो जाता है।

बच्चे गर्भावस्था से मृत्यु से पूर्व तक केल्शियम आवश्यकता रहती हैं...। केल्शियम की उसी आवश्यकता को पूरा करने में चूना बहुत महत्व का है...।

'ध्यान रहे केवल वाले चूने से बना चूना खाना ही महत्व का है और अन्म किसी भी चूने की कोई उपयोगिता नहीं है।

पत्थर वाला चूना बाजार से लाइए और मिट्टी के घड़े मेंं पानी डालकर रख दीजिए 4-5 दिनों के बाद उपयोग करने योग्य हो जाएगा। अब इसमें पानी डालते रहिए और उपयोग करते रहिए बस ध्यान ये देना है कि ये सूखने न पाए।

किन लोगों को कब कैसे और किस तरह से चूने का सेवन कितनी मात्रा में किया जाय।

किन रोगों के उपचार मेंं चूना आवश्यक-

शरीर के सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द, जैसे कमर , घुटने, कंधे, सोल्डर, पीठ, कमर आदि।हाथ पैर, पंजे, अंगुलियां आदि।

सभी प्रकार के गांठ, रसौली, ट्यूमर,
सर्वाइकल स्पेंडलाइटिस,
नपुंसकता, बांझपन, मासिक चक्र की अनियमितता, मासिक चक्र बन्द होने पर होने वाली सभी समस्याओं
ब्लड प्रेशर, अनचाहे गर्भपात, गर्भस्थ शिशु की कोई भी समस्या,
मंदबुद्धी बच्चों के लिए
लम्बाई का न बढना, रोग प्रतिरोधक क्षमता,
आदि 70 से अधिक बिमारीयों के उपचार में ये चूना अचूक दवा है।

उपयोग की विधि 

सामान्य


कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर चूने के प्रयोग की विधि एक जैसी- एक ग्राम चूना या गेहूं के दाने के बराबर चूना आधी कप ताजी दही जो खट्टी न हो या आधे गिलास गुनगुने पानी या दाल या सब्जी के साथ मिलाकर स 90दिनो तक सेवन करने से सभी बिमारीयोंं/समस्याओं में आराम मिलता है।

विशेष
1- घुुटने के दर्द मेें आधे गिलास गुुुनगुुुने पानी के साथ एक गेेेहूूँ के दाने के दाने के बराबर चूूना का सेेेवन 90 दिनोंं तक करे 10-15 दिनोंं का गैैैप देेेकर पुुनः 90 दिनोंं तक इस प्रकार हर 90 दिन के बाद 10 दिन का गैैैप करते रहेें। ऐसा तब तक जारी रखे जब तक समस्या समााप्त न हो जाय।

ध्यान रहे कभी भी किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन लगातार 90दिन से अधिक कभी भी नहीं करना चाहिए अन्यथा नुकसान होगा।

2- गर्भावस्था के दौरान यदि कोई समस्या जैसे- गर्भपात, भ्रूण का सही ढंग से न हो रहा हो, ऐसी किसी भी समस्या कसे बचने के लिए  ऐ
आधे गिलास अनार के जूस में 1ग्राम या गेहूँ के दाने के बराबर चूना मिलाकर बच्चे के जन्म तक(9माह) तक देने से होने वाला बच्चा पूर्ण स्वस्थ, बुद्धिमान, प्रबल रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त बच्चे का जन्म होगा, माँ पूर्णतः स्वस्थ होगी, कभी सीजेरियन डिलीवरी नहीं करनी होगी।

"ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भवती मा को केल्शियम और आयरन की सर्वाधिक आवश्यकता होती है और अनार जूस में आयरन तथा चूना में केल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।"



2- गर्भवती माता को सातवें या आठवें माह से 1ग्राम चूना दही दाल या पानी किसी माध्यम से देने से बच्चा सामान्य तरीके से जन्म लेगा साथ ही जन्म के समय होने वाले पीलीया या जाँन्डिस से सुरक्षित रहेगा।

3- यदि किसी को बार- बार पीलीया(जाइन्डिस) की समस्या होती है तो आधे गिलास गन्ने के जूस के साथ 1ग्राम चूना 90दिनों तक लेने से यह बिमारी हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।

4- मंदबुद्धी बच्चों या जिन बच्चों की लम्बाई नहीं बढ़ रही लगातार एक वर्ष तक चूने के सेवन से बच्चा कुशाग्र होगा, यादास्त अच्छी होगी पढाई से बचेगा नहीं रुकी हुई लम्बाई बढने लगेगी।

"ध्यान रहे 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आधा ग्राम या गेहूँ के आधे दाने के बराबर ही चूना दे"

5- किसी भी नपुंसक पुरुष या बन्ध्या माता को को चूने के सेवन से नपुंसकता तथा बन्ध्यापन दूर हो जाएगी सेवन विधि वहीं सामान्य।

सावधानी

ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसे कभी किसी भी जगह पथरी हुई हो चूने का सेवन भूल कर भी न करें अन्यथा पथरी की समस्या बढ़ जाएगी, खाली पेट या अत्यधिक मात्रा में भी इसका सेवन वर्जित है।

आगे और चर्चा अगले ब्लॉग मेंं जारी रहेगी...

धन्यवाद

।।जय हिन्द, जय भारत, स्वस्थ भारत।।

Comments

  1. As stated by Stanford Medical, It is in fact the SINGLE reason women in this country live 10 years more and weigh 42 pounds less than us.

    (And actually, it has absolutely NOTHING to do with genetics or some secret-exercise and absolutely EVERYTHING around "how" they eat.)

    BTW, I said "HOW", and not "what"...

    TAP on this link to discover if this short test can help you decipher your true weight loss potential

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