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Use of Indian cow ghee

भारतीय गाय के घी का महत्व कितना उपयोगी है ये घी जानेंगे हम इस लेख में-

आइए जानते हैं देशी गाय के घी के महत्व के बारे में आखिर क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण? क्या है इसके स्वास्थ्य लाभ इन सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि यहाँ किसे देशी गाय कहा जा रहा है और ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

नमस्ते मित्रों मै सुमित सिंह आपके लिए लेकर आया  हूँ नयी जानकारी

गाय जिसे हमारे धर्म ग्रन्थों में माता का स्थान दिया गया है यह कोई सामान्य बात नहीं है इसका सदैव महत्व रहा है। भारती नस्ल की जिनके पास "डिल्ल" होती वो सभी भारती नस्ल की या देशी गाये हैं जिन्हें माता का स्थान दिया गया है।

आज बहुत सारी विदेशी नस्ल की गायों का भारत में प्रभुत्व स्थापित होता जा रहा जिनके कारण भारती नस्ल के गायों का अस्तित्व संकट में है। आज मै आपको बताना चाहता हूँ कि हम जिन विदेशी नस्लों- जर्सी, फिजीसीयन,आदि का पालन करने लगे है ताकि अत्यधिक दुग्ध उत्पादन कर सके , किन्तु हम इस तथ्य से अनजान बने हुए हैं कि ये दूध हमारे लिए कैंसर जैसी घातक बिमारीयों को जन्म दे रहा है ऐसा अनेक अध्ययनों में प्रमाणित हो चुका है।


गाय दुग्ध उत्पादन के अग्रणी देशों में से एक डेनमार्क अपने यहाँ उत्पादित समस्त दूध का निर्यात कर देता है एक बूंद दूध तथा उससे बने पदार्थों का कभी भी उपयोग नहीं करता उसका यहीं कारण है।

ब्राजील आज अपने यहाँ भारती नस्ल की गायों के महत्व को जानकर अपने यहाँ भारती नस्ल के गायों बढावा दे रहा है ।
दुनिया के ज्यादातर देश भारतीय वेदों का अध्ययन कर रहे हैं ताकि वे स्वस्थ रहने के बिमारीयों के इलाज की सर्वोत्तम औषधियों का निर्माण कर सके और हम हैं कि अपनी परम्परा और संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्य शैली को अपनाने में लगे हुए हैं।

हमें पुनः वेदों की ओर लौटने की आवश्यकता है...


आइए अब हम बात करते हैं गाय घी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में-

गाय घी पित्त की सर्वोत्तम औषधि है दोपहर के खाने में 1-2 चम्मच गाय का घी खाने से पित्त सदैव सम रहता है।
हमारे में तीन तरह की ही बिमारियां होती हैं वात पित्त तथा कफ जनित बीमारिया।इसमें से सर्वाधिक 90+ बिमारिया केवल पित्त के कारण हैंं। गाय का घी हमारे शरीर में पित्त को सम रखता है जिससे पित्त जनित बीमारिया नहीं होती।

2* अनिद्रा, नींद न आने की स्थिति में एक बूंद गाय का घी नाक में डालकर सोने से अनिद्रा की बिमारी समाप्त हो जाती है।

3* कब्ज, गाय के दूध में एक चम्मच गाय का घी मिलाकर रात में पीकर सोने से नींद भी अच्छी आती है और पेट में कब्ज नहीं बनता।

4* मस्तिष्क में ब्लड जम जाने से हमारे शरीर में फालिश हो जाता जिससे हमारे शरीर के भाग या पूरा शरीर ही निष्क्रिय हो जाता है...।  ऐसा होने पर एक एक बूंद गाय का घी हर एक घण्टे के अन्तराल पर जिस नाक से श्वास आ जा रही हो डालते रहने से ब्लड क्लाटिंग समाप्त हो जाति है और रोगी तेजी से पहले जैसे स्वस्थ हो जाएगा।

5* रोजाना गाय के घी को नाक डालने से मस्तिष्क की सभी समस्याओं का पूर्ण समाधान हो जाता है।
मस्तिष्क स्वस्थ तथा बलवान बनता है।

6* रोजाना गाय के घी का सेवन करने से दिमाग तेज रहता है नाक में गाय का घी डालने से स्मरण शक्ति बढ़ती है, हमारी इच्छा शक्ति का विकास होता है।

7*गाय का पुराना रखा हुआ घी आँख में ठालने से आँख की सभी बिमारीयों का उपचार होता है।

8* गाय का घी बालों में लगाने से बाल सदैव स्वस्थ, काले तथा घने रहते है तथा असमय होने वाली बालों की सभी बिमारीयों का निदान हो जाता है।

....

सबसे महत्वपूर्ण बात ये सभी गुण केवल देशी भारतीय नस्ल के गायों के घी में विद्यमान है न की विदेशी प्रजाति के गायों में

धन्यवाद 

आपका स्वास्थ्य हमारा पहला लक्ष्य जय हिन्द, जय भारत, स्वस्थ भारत।

Comments

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