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Routine (दिनचर्या)

नमस्ते,

 मैं सुमित अपने ब्लॉग Sumitalks में फिर हाजिर हूँ आप से बात करने के लिए।

दोस्तों, अभी तक हमने इस पर बात की कि हमारी कैसी अनियमित दिनचर्या है जिसकी वजह से बिमारीयां हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही हैं। फिर प्रश्न उठता है कि क्या किया जाए? उत्तर है, दिनचर्या को सही करके...

हमारी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है।

दिनचर्या,

आइए अब हम बात करते हैं दिनचर्या की सूर्योदय से सूर्यास्त तक एक नियमित दिनचर्या का होना बहुत ही आवश्यक है।
दिनचर्या का प्रारंभ सूर्योदय से पूर्व होना चाहिए। अर्थात् के पूर्व हमें विस्तर उठ जाए, तत्पश्चात् मुख में पानी भरकर ताजे साफ पानी से आँखों पर छिटे मारकर साफ करे यदि संभव हो सके तो मिट्टी के घड़े में रखे पानी का उपयोग करें।

ऐसा करने से आँँखें तरोताजा हो जाएगी और सदैव स्वस्थ रहेगी और साथ ही आप अनावश्यक आलस्य से मुक्ति का अनुभव करेंगे ।

इसके पश्चात दो से तीन गिलास गुनगुने पानी पीकर 10-15 मिनट तक टहले और शौच को जाए।शौच क्रिया से निवृत्त होकर खुली हवा में टहले हल्के व्यायाम, प्राणायाम अपनी शारिरिक क्षमता के अनुसार करें। व्यायाम एवं प्राणायाम पर हम आगे बात करेंगे।

व्यायाम के पश्चात 30मिनट के उपरांत ताजे पानी से स्नान करें और फाइबर युक्त हलके पूर्ण आहार लें आधा पेट के नास्ते से बचें।

सुबह का आहार अपने जगने के 2 घण्टे तक कर लेना ज्यादा उपयोगी होगा।सूबह के पूर्णाहार के साथ हो सके तो मौसमी फलों का जूस ले पानी का सेवन 1-1.5 घण्टे बाद ही करें अन्यथा बहुत अधिक हानि होगी।

दोपहर का भोजन भूख लगने पर ही करें।दोपहर का भोजन 1-2बजे के मध्य करे।

शाम का भोजन हो सके तो सूर्यास्त से पूर्व ही कर ले और हल्के भोजन करें। 9-10बजे के मध्य सो जाए रात्रि के खाने के 2-3घण्टे बाद ही सोना चाहिए। रात्रि में मोबाइल चलाने से बचें।

अगर आप इस दिनचर्या को अपनाते हैं तो आप सभी प्रकार की बिमारीयों से सदैव सुरक्षित रहेंगे।

      आगे हमारी बात हम अपन अगले ब्लॉग में जारी रखेंगे। आपका स्वस्थ्य हमारा प्रथम लक्ष्य ।

।।धन्यवाद, जय हिन्द, जय भारत।।

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